पाकिस्तान में आर्थिक कमजोरी के चलते रूस से सस्ते कच्चे तेल की पहली खेप 11 जून को कराची बंदरगाह पहुंच चुकी है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने इसके बारे में जानकारी देते हुए खुशी जाहिर की थी। पाकिस्तान में चल रही महंगाई और तेल की आसमान छूती कीमतों के बीच यह एक बड़ी राहत की खबर है। शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि, “रूस से इसी तरह आगे भी तेल की आपूर्ति होती रहेगी।”
रूस से पाकिस्तान पहुंची कच्चे तेल की पहली खेप के बाद इस डील को लेकर बड़ा खुलासा भी हुआ। दरअसल, दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान पहुंचने से पहले रूसी तेल की ये खेप भारत आई थी और यहां रिफाइन होने के बाद यूएई के रास्ते यह कराची पहुंची है। कहा ये भी जा है कि अगली खेप पहले भारत में रिफाइन की जाएगी और फिर पाकिस्तान पहुंचेगी।
कब पहुंची पहली खेप
बता दें कि रविवार को पाकिस्तान में पहली बार रूस से कच्चे तेल की खेप कराची बंदरगाह पहुंची थी। पहली खेप में 45 हजार मीट्रिक टन कच्चा तेल है। आर्थिक संकट, महंगाई और राजनीतिक उथल-पुथल से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए इसे बड़ी राहत की बात है। यूक्रेन से युद्ध शुरू होने के बाद अब तक भारत को ही रूस सस्ते दाम पर कच्चा तेल देता था। अब पाकिस्तान भी इस सूची में शामिल हो गया है।
पूरे पाकिस्तान में ख़ुशी का आलम
पहली खेप के पाकिस्तान पहुंचने पर वहां के पीएम शहबाज शरीफ ने खुशी जताई थी। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि, ‘मैंने देश से किया अपना एक और वादा पूरा कर दिया है। यह बताते हुए खुशी हो रही है कि रूस के सस्ते तेल की पहली खेप कराची पहुंच चुकी है और कल से उसकी सप्लाई शुरू हो जाएगी। यह एक बदलाव का दिन है। हम समृद्धि, आर्थिक विकास और ऊर्जा सुरक्षा की दिशा में एक कदम और आगे बढ़े हैं।’ पाकिस्तानी पीएम ने कहा कि ‘यह रूस और पाकिस्तान के बीच नए रिश्तों की शुरुआत है।’
रूस और पाकिस्तान के बीच तेल के डील में क्या है भारत का रोल?
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, रूस ने सस्ते दामों में तेल पाकिस्तान को कुछ शर्तों पर दिया है। इन शर्तों में तेल की रिफाइनिंग का काम भारत में कराने और भुगतान चीनी मुद्रा युआन में करना शामिल है। इन शर्तों के मानने के बाद ही रूस ने पाकिस्तान के साथ ये सौदा किया था।
मीडिया रिपोर्ट्स में कहा जा रहा है कि इन शर्तों के अनुरूप ही रूस से 45 हजार टन तेल लेकर प्योर प्वाइंट जहाज रूस से ईरान और ओमान होते हुए भारत के गुजरात में पहुंचा था। गुजरात में इसे रिफाइन किया गया इसके बाद ये तेल यूएई पहुंचा और वहां से इसे पाकिस्तान ले जाया गया। बता दें कि जो जहाज रूस से कच्चा तेल लेकर चला था वह यूएई में रजिस्टर एक कंपनी का है। वहीं, गुजरात स्थित रिफाइनरी में इसे रिफाइन किया गया है जिसे नायरा एनर्जी लिमिटेड चलाती है जिसमें रूसी की दिग्गज ऊर्जा कंपनी रोसनेफ्ट की 49.13 फीसदी हिस्सेदारी है।