कर्नाटक की सत्ता से दूर रहने वाली कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी और शाह के चहरे को मात देते हुए बहुमत के अकड़े को पार कर बड़ी जीत हासिल की है। इस चुनाव में कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने जिस तरह आक्रामक प्रचार किया और पार्टी की जीत के लिए रणनीति बनाई वो काम कर गई। इसकी रूपरेखा सुनील कनुगोलू ने तय की थी। सुनील कनुगोलू से पहले लोग चुनावी रणनीतिकार के रूप में सिर्फ प्रशांत किशोर को ही जानते थे, लेकिन अब सुनील भी इस चुनाव के बाद बड़ा नाम बना रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी की जीत में भी रह चुका है अहम रोल
बता दें कि सुनील कनुगोलू कोई नए चुनावी रणनीतिकार नहीं हैं। वह इससे पहले कर्नाटक में भाजपा के साथ भी काम कर चुके हैं। साल 2018 के कर्नाटक चुनाव में उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के साथ काम किया था और इस दौरान भाजपा 104 सीटों के साथ राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने में कामयाब हुई थी। उन्होंने उत्तर प्रदेश में बीजेपी के लिए काम किया था। कहा जाता है कि उन्होंने 2017 में योगी आदित्यनाथ की शानदार जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राजनीतिक दलों के साथ काम करने से पहले कनुगोलू वैश्विक प्रबंधन सलाहकार फर्म मैकिंसे के साथ काम कर चुके हैं।
कर्नाटक चुनाव में सुनील कनुगोलू ने लिखी कांग्रेस की रणनीति
कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने इस बार कई रणनीति अपनाए, जिसमें उम्मीदवारों का चयन, मतदान के व्यवहार का अध्ययन और चुनावी अभियान की तैयारी शामिल है। कर्नाटक चुनाव में जीत के पीछे कांग्रेस के नए प्रशांत किशोर के रूप में सुनील कनुगोलू सामने आए हैं, जिन्होंने कांग्रेस सदस्य के रूप में कर्नाटक में चुनाव अभियान की रूपरेखा तैयार की और पार्टी को जीत दिलाने में मदद की।
पिछले साल ही हुए कांग्रेस में शामिल
सुनील कनुगोलू मूल रूप से कर्नाटक के ही रहने वाले हैं। सुनील कनुगोलू चेन्नई में पले-बढ़े हैं और फिलहाल बेंगलुरू में रहते हैं। सुनील एक व्यापारिक परिवार से आते हैं। कांग्रेस में शामिल होने से पहले वह भाजपा, द्रमुक और अन्नाद्रमुक के साथ काम कर चुके हैं। पिछले साल राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ लंबी बातचीत के बाद कांग्रेस का हाथ थामा था। कर्नाटक में जीत के बाद, कांग्रेस ने अब कानूनगोलू को मध्य प्रदेश के लिए काम सौंपा है।