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बिहार में जाति आधारित जनगणना पर 14 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, 20 फीसदी बचे काम करने के लिए 7 दिनों का लक्ष्य

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August 07, 2023

बिहार सरकार को जाति आधारित जनगणना पर पटना हाईकोर्ट से राहत मिलने के बाद, इस फैसले के खिलाफ याचिकाकर्ता सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। याचिकाकर्ताओं ने पटना हाईकोर्ट के फैसले को तुरंत रोकने की अपील की है। साथ ही उन्होंने इस फैसले को चुनौती भी दी है। सुप्रीम कोर्ट बिहार में हो रही जाति आधारित जनगणना और आर्थिक सर्वेक्षण के मामले पर सुनवाई 14 अगस्त को करेगा। 

 

बिहार में जाति आधारित जनगणना का 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है। दूसरी तरफ पटना हाईकोर्ट की तरफ से तमाम जाति आधारित जनगणना और आर्थिक सर्वे को रोकने वाली याचिकाओं को खारिज किए जाने के बाद सरकार ने अगले दिन से ही जाति आधारित जनगणना का काम शुरु कर दिया है। जाति आधारित जनगणना का काम पूरा करने में महज 7 दिनों का वक्त लगने की बात कही जा रही है। 

 

पिछले बुधवार को इस काम को फिर से शुरु किया गया है। आज सोमवार को जाति आधारित जनगणना के 5 दिन पूरे हो चुके हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि एक या फिर दो दिनों में इस काम को पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट की तरफ से अगले सप्ताह सोमवार को इस पर सुनवाई की जानी है। ऐसे में जाति आधारित जनगणना को लेकर सरकार के पास लगभग 1 सप्ताह का अतिरिक्त वक्त मिल गया है। माना जा रहा है कि तबतक राज्य सरकार जाति आधारित जनगणना का काम पूरा कर लेगी। 

 

हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में तत्काल प्रभाव से जाति आधारित जनगणना को रोकने की अपील दायर की गई है। याचिकाकर्ताओं के समूह की तरफ से यह अपील की गई है कि, जातिगत जनगणना एवं आर्थिक सर्वे पर तुरंत रोक लगाई जाए। मगर कोर्ट ने अगले सप्ताह 14 अगस्त को सुनवाई करने का वक्त दे दिया है। याचिकाकर्ताओं का कहना है कि जाति आधारित जनगणना कराने का अधिकार केवल केंद्र सरकार के पास है। लेकिन इसे राज्य सरकार करवा रही है जो नियमों के विरुद्ध है। हलांकि बिहार सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैवियट अर्जी दाखिल कर रखी है।