प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल होने के लिए 22 अगस्त को दक्षिण अफ्रीका रवाना होंगे। 22 से 24 अगस्त तक चलने वाले इस कार्यक्रम में पीएम मोदी चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मुलाकात कर सकते हैं। इसके अवाला पीएम डेढ़ साल से जारी रूस- यूक्रेन युद्ध को समाप्त करने के साथ-साथ बातचीत और कूटनीति के जरिए हल पर जोर दे सकते हैं। सम्मेलन में आर्थिक और सुरक्षा के अलावा कई मुद्दों पर भारत का फोकस रहेगा।
विदेश मंत्रालय के सचिव विनय मोहन क्वात्रा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीएम मोदी के कार्यक्रम की पूरी जानकारी दी। क्वात्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री मोदी 22 अगस्त की सुबह जोहान्सबर्ग के लिए रवाना होंगे। जहां वह 22 से 24 अगस्त तक चलने वाले 15वें ब्रिक्स सम्मेलन में भाग लेंगे। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि, इस साल ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का विषय ‘ब्रिक्स और अफ्रीका’: पारस्परिक रूप से त्वरित विकास, सतत विकास और समावेशी बहुपक्षवाद के लिए साझेदारी है। यह कोविड-19 महामारी के कारण लगातार 3 सालों के बाद पहला व्यक्तिगत ब्रिक्स शिखर सम्मेलन होगा। 2019 के बाद पीएम मोदी पहली बार व्यक्तिगत रूप से ब्रिक्स सम्मेलन में हिस्सा लेंगे।
भारत- चीन के साथ सीमा पर तनावपूर्ण संबंधों के बीच दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में पीएम मोदी की मुलाकात शी जिनपिंग से हो सकती है। चीन भी ब्रिक्स का पार्ट है ऐसे में देखना होगा कि दोनों नेताओं के बीच आपसी चर्चा होगी या नहीं। इसपर अधिकारिक रूप से कुछ भी कहना मुश्किल है। दोनों पक्षों ने अभी इस मुलाकात पर कुछ भी नहीं कहा है।
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी रूस- यूक्रेन के बीच जारी युद्ध को खत्म करने पर जोर दे सकते हैं। दोनों देशों के बीच तनावपूर्ण रिश्ते के बीच मोदी इस सम्मेलन में रूस-यूक्रेन को युद्ध समाप्त कर बातचीत और कूटनीति के जरिए हर चीज का हल करने पर जोर दे सकते हैं। पीएम मोदी आतंकवाद पर भी अपना कड़ा रूख सामने रख सकते हैं। चीन, पाकिस्तान का दोस्त है ऐसे में बड़े मंच से पाकिस्तान को भी मैसेज पहुंचाना जरूरी है।