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चीन ने अधिकारिक तौर पर जारी किया अपना नया नक्शा, अरूणाचल, अक्साई चीन पर जताया अपना दावा

In World News
August 29, 2023

भारत में होने वाले जी-20 शिखर सम्मेलन से ठीक पहले चीन ने एक बार फिर गुस्ताखी की है। ड्रैगन ने सोमवार को आधिकारिक तौर पर अपना एक नया नक्शा जारी किया है। चीन के इस नक्शे पर भारत में विवाद हो रहा है। साल 2023 के इस संस्करण में चीन ने अरूणाचल प्रदेश, अक्साई चीन का इलाका, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर समेत कई हिस्सों पर अपना दावा जताया है। हलांकि यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह से नक्शा जारी कर इन हिस्सों पर अपना अधिकार जताया है। इससे पहले भी वह इस तरह का नक्शा जारी कर चुका है। हर बार भारत की तरफ से उसके सामने विरोध दर्ज कराया गया है। 

चीन के इस नक्शे पर कूटनीतिक मामलों के जानकार ब्रह्मा चेलानी ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि इस तरह की आक्रामकता दर्शाती है कि चीन दुनिया के किसी भी बाकी देश की तुलना में अपने पड़ोसियों के साथ भूमि और समुद्री सीमाओं पर अधिक विवादों में क्यों शामिल है। उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा की साल 1949 में सत्ता हासिल करने के बाद से ही चीन की कम्युनिस्ट पार्टी बिना रुके विस्तारवादी अभियान पर है। ब्रह्म चेलानी ने बताया कि चीन का अपने 17 पड़ोसी देशों के साथ सीमा विवाद है। पहले भी चीन की तरफ से इस तरह का नक्शा जारी किया गया था। लेकिन भारत ने बार-बार कहा कि अरूणाचल प्रदेश उसका अभिन्न अंग है और हमेशा रहेगा।

ब्रिक्स में मोदी जिनपिंग की हुई थी मुलाकात

चीन के सरकारी समाचारपत्र ग्लोबल टाइम्स ने ट्विटर पर लिखा, चीन के मानक मानचित्र का 2023 संस्करण आधिकारिक तौर पर सोमवार को जारी किया गया है। प्राकृतिक संसाधन मंत्रालय के स्वामित्व वाली मानक मानचित्र सेवा की वेबसाइट पर इसे  जारी किया गया है। यह मानचित्र चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की रेखांकन विधि के आधार पर संकलित किया गया है। लेकिन हैरानी की बात ये है कि हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के जोहान्सबर्ग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक छोटी सी मुलाकात के बाद किया गया है। दक्षिण अफ्रीका में संपन्न हुए ब्रिक्स सम्मेलन के मौके पर पीएम मोदी और जिनपिंग सीमा पर शांति बहाल करने पर रजी हुए थे।

 सीमा पर शांति बहाल करने पर हुई थी रजामंदी 

दोनों देशों के नेताओं ने अपने अधिकारियों को आदेश दिया था कि सैनिकों को पीछे हटने का आदेश दिया जाए। इसके साथ ही तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर आम सहमति हुई थी। चीन के नए नक्शे में ताइवान के अलग द्वीप और दक्षिण चीन सागर के एक बड़े हिस्से पर दावा करने वाली नाइन-डैश लाइन पर भी अधिकार जताया है। चीनी राष्ट्रपति कई बार कह चुके हैं कि वह मिलिट्री का प्रयोग कर ताइवान को चीन में मिलाकर रहेंगे। इतना ही नहीं वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है।