62 views 4 secs 0 comments

दिल्ली सर्विस बिल लोकसभा में पेश, विपक्ष समेत कांग्रेस ने किया विरोध, अमित शाह का तंज, कानून बनाने से कोर्ट भी नहीं रोका

In Blog
August 01, 2023

लोकसभा में केंद्र सरकार ने दिल्ली सरकार के अधिकारों और सेवाओं से जुड़ा बिल पेश कर दिया। इस बिल के लोकसभा में पेश होते ही आम आदमी पार्टी और कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने हंगामा करना शुरू कर दिया। इस बिल को गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने पेश किया है, इस बिल पर बुधवार को चर्चा होगी। लोकसभा में कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने विरोध किया। उन्होंने कहा कि ये बिल राज्य सरकार के अधिकारों पर अतिक्रमण करता है। ये संघीय ढांचे के खिलाफ है। ये उसकी कब्रगाह बनेगा। ये बिल संविधान का उल्लंघन है। 

 

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि हमारे संविधान में कानून बनाने का पूरा अधिकार दिया गया है। कोर्ट ने भी कानून बनाने से नहीं रोका है। सारे विरोध राजनीतिक है। इसके बाद भी लोकसभा में विपक्ष की तरफ से नारेबाजी हुई। इसके साथ ही AIMIM सांसद असदुद्दीन औवैसी ने भी इस बिल का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि ये चेस और लूडो का खेल है। ये संविधान का उल्लंघन है। कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद केसी वेणुगोपाल ने इसके विरोध में कहा कि, दिल्ली सर्विस बिल पूरी तरह से संघीय विरोधी और अलोकतांत्रिक है। हम इसका पुरजोर विरोध करेंगे। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने भी इस बिल का विरोध किया। 

 

इस बिल पर केंद्र की सरकार को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की बीजेडी का भी साथ मिल गया है। बीजेडी ने इसका समर्थन किया है। बीजेडी दोनों सदनों में दिल्ली सेवा बिल के समर्थन में वोट डालेगी। दिल्ली सेवा बिल के पक्ष में 128 वोट हैं। लोकसभा में बीजेडी के 12 सांसद हैं तो वहीं राज्यसभा में पार्टी के 9 सांसद हैं। YSR कांग्रेस पहले से ही सरकार को इसपर समर्थन देने का एलान कर चुकी है।

 

लोकसभा में सरकार बहुमत में है, यहां ये बिल आसानी से पास हो जाएगी। जबकि राज्यसभा में बीजेपी के 93 सांसद हैं। सहयोगी दलों को मिलाकर ये 105 हो जाएंगे, इसके अलावा बीजेपी को पांच मनोनीत और दो निर्दलीय सांसदों का भी समर्थन मिलना तय है। ऐसे में बीजेपी के पास कुल 112 सांसद हो जाएंगे। फिर भी बहुमत के आंकड़े से 8 सांसद कम है। जिसे BJD और YSR कांग्रेस के समर्थन से बीजेपी को आसानी से बहुमत मिल जाएगा और ये बिल पास हो जाएगा।

 

कांग्रेस ने संसद में भले ही दिल्ली सर्विस बिल के जरिए केजरीवाल का समर्थन कर दिया है, लेकिन पार्टी के भीतर ही अपने नेता कांग्रेस के इस कदम से नाराज हैं। कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि, दिल्ली का जो दर्जा है उस हिसाब से इस बिल को पास होना चाहिए, इसमें कोई गलत बात नहीं है। यदि दिल्ली को शक्ति देनी है तो उसे पूरा राज्य बनाएं। यह अध्यादेश उन्हीं शक्तियों का बंटवारा उसी तरह कर रहा है जो दिल्ली की संवैधानिक संशोधन और दिल्ली अधिनियम की मूलभावनाओं में था। इसलिए इस बिल का विरोध करना गलत है।