मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए भारत के चुनाव आयोग का एक पैनल मुख्य चुनाव आयोग राजीव कुमार के नेतृत्व में सोमवार को भोपाल पहुंची। पहले दिन चुनाव आयोग की टीम ने मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की। इसके बाद चुनाव से जुड़ी एजेंसियों के साथ विधानसभा चुनाव की तैयारियों की समीक्षा की है। इसमें मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अन्य अधिकारी शामिल थे।
बीजेपी के प्रतिनिधियो ने प्रस्ताव दिया कि, आयोग को घृणास्पद भाषण की परिभाषा स्पष्ट करनी चाहिए, जिससे की कार्यकारी अधिकारी उचित कार्रवाई कर सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि चुनाव आयोग को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर चुनाव के दौरान एआई टूल्स के दुरुपयोग को रोकने आवश्यक कदम उठाना चाहिए। इसे परिवार के मतदाताओं के पर्चे को परिवार के मुखिया को प्रदान करना चाहिए ताकि वे यह जांच सकें कि सभी परिवार के सदस्यों के नाम ठीक से अपडेट हैं या नहीं। इसके साथ ही आवश्यक हो तो सुधार के लिए आवेदन करें।
भिंड जिले के एक निर्वाचन क्षेत्र से मतपत्र भेजने में विसंगतियों के बारे में जानकारी होने का आरोप लगाते हुए बीजेपी के प्रतिनिधियों ने आग्रह किया कि, चुनाव ड्यूटी पर तैनात कर्मचारियों को मतपत्र सुविधा केंद्रों में मतदान करने में विफल रहने पर डाक के माध्यम से अपने मतपत्र नहीं भेजने चाहिए। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के नेतृत्व में कांग्रेस पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आगामी चुनावों में पार्टी के विचारों को सामने रखने के लिए चुनाव आयोग के सदस्यों से मुलाकात की। प्रतिनिधि मंडल ने आयोग से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि, मतदाता सूची पूरी तरह से पूर्ण हो, फर्जी मतदाताओं के नाम हटाए जाएं और मतदाता सूचि का एक रंगीन प्रति प्रिंट किया जाए।
इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि, बीजेपी ने अबतक 39 उम्मीदवारों की घोषणा की है, लेकिन मुख्यमंत्री अभी भी सार्वजनिक खर्च पर पार्टी का प्रचार कर रहे हैं, इसे रोका जाना चाहिए। साथ ही उम्मीदवारों की तरफ से अब जो राशि खर्च की जा रही है, इसे उनके चुनावी खर्च में गिना जाना चाहिए। इसके साथ ही कांग्रेस ने कहा कि, आधिकारिक मशीनरी को प्रचार से दूर रखा जाना चाहिए और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, जिनके खिलाफ पोषण खाद्य आपूर्ति घोटाले में लोकायुक्त के पास शिकायत दर्ज कराई गई है, उसे पद से हटा दिया जाना चाहिए।
राजनीतिक प्रतिनिधियों से मिलने के बाद चुनाव आयोग की बेंच ने आयकर, वाणिज्य कर, परिवहन, उत्पादन शुल्क, पुलिस, बैंकों और दूसरे अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। इसके बाद चुनाव आयोग की बेंच ने रवींद्र भवन में आयोजित एसवीईईपी कार्यक्रम में भाग लिया, एसवीईईपी कैलेंडर भी मुख्य चुनाव आयुक्त द्वार लॉन्च किया गया था।
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