मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू को सत्ता से उखाड़ फेंकना की साज़िश तेज

Conspiracy to oust Maldivian President Muizzu from power intensifies

चीन समर्थित और भारत विरोधी रुख अपनाने  के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मुइज्जू की मुश्किलें कम होने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस समय उन्हें दुनिया के साथ साथ अपने देश में भी आक्रोश झेलना पड़ रहा है। सोमवार को प्रमुख विपक्षी दल एमडीपी (मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी) ने राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग के लिए समर्थन जारी किया। विपक्षी दल उन पर महाभियोग चलाने की कोशिश कर रहे हैं। मुइज्जू की चीन समर्थक हरकतों से वजह से सारे विपक्षी नेता गुस्से में हैं। हाल ही में, मालदीव सरकार ने एक चीनी जासूसी जहाज को माले के ऊपर गोदी करने की आधिकारिक अनुमति दी।

इस घटना के बाद मालदीव की संसद में अराजकता फैल गई, जिसके चलते विपक्ष ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। रविवार को, मुइज़ू सरकार के लिए संसदीय मंजूरी पर एक महत्वपूर्ण वोट के दौरान संसद में हिंसा भड़क उठी, जिसे पीपीएम/पीएनसी पार्टी के सरकारी सांसदों ने बाधित किया।

मालदीव्स की सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू के खिलाफ अभियोग चलाने की पूरी तैयारी कर चुकी है जिसे लेकर अब गठबंधन पार्टी के नेता सामने आ गए हैं. गठबंधन में शामिल प्रोग्रेसिव पार्टी ऑफ मालदीव (PPM) और पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (PNC) ने कहा है कि वो राष्ट्रपति मुइज्जू को हटाने के प्रयासों को संसद के जरिए आगे नहीं बढ़ने देंगे। 

किसके पास कितने सांसद? 

मालदीव की संसद को पीपुल्‍स मजलिस के नाम से जाना जाता है, इसमें कुल 80 सदस्‍य होते हैं। मुख्‍य विपक्षी दल मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी के 42 सदस्‍य हैं, एक अन्‍य दल डेमोक्रेट के पास कुल 13 सदस्‍य हैं। राष्‍ट्रपति मुइज्‍जु के खिलाफ इन दोनों दलों ने हाथ मिला लिया है। बता दें कि राष्‍ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्‍ताव को पास कराने के लिए 54 सांसदों (दो तिहाई बहुमत) की जरूरत होगी। विपक्षी दलों के बीच गठजोड़ को देखें तो उनके पास यह नंबर मौजूद है। यदि और किसी तरह की तोड़फोड़ नहीं होती है तो राष्‍ट्रपति मुइज्‍जु की कुर्सी खतरे में पड़ सकती है।

मौजूदा हालात

राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव के लिए हस्ताक्षर कराये जाने से पहले पीपीएम-पीएनसी गठबंधन ने स्पीकर मोहम्मद असलम और डिप्टी स्पीकर अहमद सलीम के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव जमा किए थे, ये दोनों एमडीपी पार्टी से ताल्लुक रखते हैं। ‘द सन डॉट कॉम’ की खबर के अनुसार, इससे पहले आज दिन में संसद ने आवास मंत्री अली हैदर अहमद, इस्लामिक मंत्री मोहम्मद शहीम अली सईद और अटॉर्नी जनरल अहमद उशाम को मंजूरी से इनकार करने के लिए मतदान किया। वहीं, वित्त मंत्री मोहम्मद सईद इस प्रक्रिया में दूरी बनाए रखने में सफल रहे। 

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