राजधानी दिल्ली में अगले महीने होने वाले जी-20 समिट के लिए तैयारी जोरों पर है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में कई तरह की तैयारियां चल रही है। राजधानी को संवारने का काम किया जा रहा है। क्योंकि दुनियाभर से मेहमान इस इवेंट में शिरकत करने के लिए आ रहे हैं। इस बीच एक बड़ी समस्या पार्किंग को लेकर है, ये पार्किंग कार या बाइक की नहीं बल्कि वीवीआईपी विमानों की है। आलम ये है कि एयरक्राफ्ट की पार्किंग के लिए आसपास के शहरों में व्यवस्था की जा रही है।
दरअसल, जी-20 समिट के लिए करीब 50 से अधिक वीवीआईपी एयरक्राफ्ट भारत आएंगे। कई देशों के प्रमुख, अधिकारी और दूसरे बड़े लोग राजधानी दिल्ली में शिरकत करेंगे। लेकिन इंदिरा गांधी इंटरनेशलन एयरपोर्ट और पालम एयरपोर्ट में 40 के करीब ही वीवीआईपी एयरक्राफ्ट खड़े करने की व्यवस्था है। ऐसे में आसपास के शहरों में इसके लिए व्यवस्था की जा रही है।
हाल ही में विदेश मंत्रालय की एक बैठक हुई थी जिसमें ये मामला आया था। जिसमें अन्य देशों की ओर से अपनी चिंताएं भी रखी गई थी। जबकि गृहमंत्रालय, एयरफोर्स, एयरपोर्ट और सीआईएसएफ से जुड़े अधिकारियों ने भी अपनी सभी तैयारियों को लेकर बात की। रिपोर्ट की मानें तो कुल 50 एयरक्राफ्ट के आने की उम्मीद है हलांकि इनकी टाइमिंग क्या होगी, यह अभी पक्का होना बाकी है।
इस समिट में करीब 13 देशों के प्रमुख आ रहे हैं। ऐसे में इनके लिए भी व्यवस्था की जाएगी। दिल्ली एयरपोर्ट पर दो वे इन एयरक्राफ्ट के लिए रिजर्व रखी जाएंगी, जो कि सेरेमनी वाले लॉन्ज के निकट होंगे। दिल्ली एयरपोर्ट के अतिरिक्त जयपुर, इंदौर, लखनऊ और अमृतसर के एयरपोर्ट पर भी विमानों की लैंडिंग करवाने की तैयारी की जा रही है। दिल्ली एयरपोर्ट के लिए मुश्किल ये है कि 8,9,10 सितंबर को वीवीआईपी मूवमेंट के अलावा रेगुलर मूवमेंट का भी ध्यान रखना है, यही कारण है कि तमाम पहलुओं को देखा जा रहा है।
दिल्ली एयरपोर्ट पर जो भी वीवीआईपी एयरक्राफ्ट आएंगे, उन्हें 8 से 10 सितंबर के बीच आने की सलाह दी गई है। क्योंकि यहां से मीटिंग वेन्यू आधे से एक घंटे की दूरी पर ही है, ऐसे में विमान अतिरिक्त समय तक यहां नहीं खड़े होंगे। भारत इस बार जी-20 की अध्यक्षता कर रहा है और 9 से 10 सितंबर को होने वाले इवेंट में रूस, अमेरिका जैसे बड़े देशों के राष्ट्रप्रमुख भी हिस्सा लेने भारत आ सकते हैं।