अगले महीने नई दिल्ली में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन शामिल नहीं होंगे। इसके लिए बकायदा रूसी राष्ट्रपति के प्रवक्ता ने जानकारी दी है। प्रवक्ता ने कहा कि पुतिन के भारत में होने वाले जी-20 के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की कोई योजना नहीं है। उन्होंने कहा कि पुतिन के भारत नहीं जाने की वजह विशेष सैन्य अभियान है। रूस ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को विशेष सैन्य अभियान नाम दिया है। पुतिन की सरकार ने यह ऐलान ऐसे समय में किया है जब रूसी राष्ट्रपति के खिलाफ विद्रोह करने वाले वैगनर चीफ की एक विमान हादसे में रहस्यमय तरीके से मौत हो गई है।
इससे पहले रूस के राष्ट्रपति ने गिरफ्तारी के डर से दक्षिण अफ्रीका में हाल ही में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन से खुद को किनारा कर लिया था। रूसी राष्ट्रपति पुतिन आखिरी बार साल 2019 में जापान के ओसाका में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल हुए थे। साल 2022 में बाली में हुए जी-20 शिखर सम्मेलन में पुतिन ने हिस्सा नहीं लिया था। उन्होंने अपनी जगह विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव को भेजा था।
रूस के राष्ट्रपति पुतिन अब दिल्ली में सितंबर में होने जा रहे जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा नहीं लेंगे। इस शिखर बैठक में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से लेकर दुनियाभर के दिग्गज नेताओं के आने का कार्यक्रम है। बाइडन ने अपनी यात्रा का ऐलान कर दिया है। यूक्रेन युद्ध को लेकर पश्चिमी देशों और रूस के बीच तलवारें खिंची हुई है। पुतिन अगर जी-20 में हिस्सा लेते तो पश्चिमी देशों के नेताओं को उन्हें घेरने का अच्छा मौका मिल जाता। यही नहीं इससे भारत के लिए असहज स्थिति पैदा होने का खतरा था।
यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद भारत ने पश्चिमी देशों और रूस के साथ रिश्तों में सफलतापूर्वक संतुलन बनाया है। भारत ने जहां रूस से अरबों डॉलर का तेल खरीदा है, वहीं पीएम मोदी ने युद्ध को लेकर पुतिन को नसीहत भी दी है। पीएम मोदी के इस बयान की खुद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने जमकर तारीफ की थी। हलांकि भारत ने अभी तक यूक्रेन में रूसी हमले की आलोचना नहीं की है। इतना ही नहीं भारत और रूस के बीच व्यापार भी नई ऊंचाई पर पहुंच गया है।