लोकसभा के चुनाव से पहले केंद्र की मोदी सरकार ने अपने सबसे भरोसेमंद वोटरों को साधने की कवायद शुरू कर दी है। मोदी कैबिनेट ने गैस सिलेंडर की कीमतों में 200 रुपये की कटौती का ऐलान कर दिया है। सरकार के इस फैसले से उज्जवला स्कीम वाले सभी लाभार्थियों को 400 रुपये से ज्यादा का फायदा होगा। पीएम मोदी ने अपने तमाम भाषणों में इस योजना का जिक्र जरूर किया है। केंद्र की सरकार ने इस छूट के जरिए अपना बड़ा चुनावी दांव भी चल दिया है। पिछले काफी समय से विपक्ष उज्जवला स्कीम में सिलेंडर की कीमतों के जरिए केंद्र की सरकार को जमकर घेरा है। लेकिन अब सिलेंडर के दाम में कमी करके केंद्र सरकार ने सियासी दांव चल दिया है।
महंगे गैस सिलेंडर का राहुल, ममता ने बनाया था मुद्दा
विपक्ष ने कर्नाटक विधानसभा में भी महंगे सिलेंडर का मुद्दा उठाया था और वहां कांग्रेस की सरकार ने जोरदार वापसी की थी। आगामी राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के विधानसभा चुनाव में भी महंगा रसोई गैस का मुद्दा बनता जा रहा है। राजस्थान में कांग्रेस की गहलोत सरकार ने 500 रुपये प्रति सिलेंडर उज्जवला रसोई गैस गरीबों में बांट रही है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी हो या फिर पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सभी महंगे गैस सिलेंडर को मुद्दा बनाकर केंद्र की सरकार को घेरती रही है।
चुनावी साल में अलर्ट पर सरकार
केंद्र की सरकार को अगले साल चुनाव में उतरना है। उज्जवला स्कीम में सिलेंडर पाने वाले लोग बीजेपी के मजबूत वोटर माने जाते हैं। बीजेपी इन्हें लाभार्थी वोटर बताती है। इन वोटरों के जरिए ही बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में जोरदार वापसी की थी। ऐसे में सिलेंडर की कीमतों को कम करके सत्तारुढ़ दल विपक्षी दलों को जवाब देना चाहती है।
महंगाई पर लगाम की कोशिश
पिछले महीने टमाटर की कीमतों में उछाल के कारण केंद्र की सरकार को विपक्षी दलों के हमले का सामना करना पड़ा था। चुनावों से पहले बीजेपी अब ऐसा कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहती है जिससे की 2024 में उसे झटका लगे।