मणिपुर पिछले 53 दिनों से हिंसा की चपेट में है। दो समुदायों के बीच हो रही इस हिंसा पर अबतक काबू नहीं पाया गया है। गृहमंत्री अमित शाह के दौरे के बाद कुछ समय के लिए हिंसा थम गया था लेकिन बावजूद इसके फिर से हिंसा की भेंट चढ़ गया है। इस बीच अमेरिका और मिस्र के दौरे से वापस लौटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को एक हाईलेवल की बैठक की। इस बैठक में तमाम बड़े नेता और अधिकारी मौजूद रहे। गृहमंत्री अमित शाह, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण, वित्तमंत्री और पेट्रोलियम मंत्री भी बैठक में थे।
मणिपुर में पेट्रोलियम और गैस की किल्लत नहीं हो इसके लिए पीएम की तरफ से सभी जरूरी कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। प्रधानमंत्री ने अलग से गृहमंत्री के शांति बहाली के लिए किए जा रहे प्रयासों और मौजूदा स्थिति की समीक्षा भी की। गृहमंत्री अमित शाह ने पीएम को पिछले एक हफ्ते में मणिपुर को लेकर हुए तमाम मुद्दों की जानकारी दी।
मणिपुर में हिंसा की मौजूदा स्थिति को लेकर मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य में हिंसा बहुत अराजक हो गई है और यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता है कि हिंसा की मौजूदा स्थिति क्या है। सिंह की टिप्पणी उस समय आई जब गृहमंत्री अमित शाह ने हिंसा को लेकर सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में कुछ विपक्षी पार्टियों का कहना है कि सीएम को तत्काल प्रभाव से हटाया जाए, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि सभी पार्टियों के डेलिगेशन को राज्य का दौरा करना चाहिए।
राज्य के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह का कहना है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कोशिश है कि मणिपुर में शांति और सामान्य स्थिति बहाल हो। उन्होंने राज्य में हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की है। गृहमंत्री अमित शाह ने सीएम से आगजनी और सरकारी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने को लेकर भी जानकारी हासिल की है।
एन. बीरेन सिंह ने बैठक में बताया कि बैठक में अमित शाह ने केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री आरके रंजन सिंह के घर और राज्यमंत्री सुशीलो मैतेई के आवास पर हमले और सुरक्षा बलों की आवाजाही में बाधा पहुंचाने जैसे मुद्दे उठाए थे। उन्होंने आश्वासन दिया कि केंद्र सरकार हर संभव कदम उठाएगी। मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन का कहना है कि, उन्होंने सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए राज्य सरकार की ओर से उठाए गए कदमों को लेकर गृहमंत्री को एक रिपोर्ट भी सौंपी है।