मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने की घटना से संसद से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में गुस्से का माहौल है। पीएम मोदी ने खुद इस घटना को लेकर कहा कि, सभ्य समाज में ये घटना शर्मसार करने वाली है। वहीं इस घटना पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान में लेते हुए सुनवाई करने का फैसला किया है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ ने इसे परेशान करने वाली घटना बताया है। सर्वोच्य अदालत ने तो साफ शब्दों में कहा कि सरकार कोई कार्रवाई करें, नहीं तो अदालत खुद ऐसा करेगी। शीर्ष अदालत ने तो इस मामले की सुनवाई अगले शुक्रवार को करने का फैसला किया है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से पूछा है कि, मणिपुर की घटना पर आपने क्या कदम उठाए हैं। इसपर जवाब मांगा है।
चीफ जस्टिस ने कहा कि इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता है। सांप्रदायिक संघर्ष में महिला का इस्तेमाल एक औजार के तौर पर करना स्वीकार्य नहीं है। ये संविधान की शक्तियों का उल्लंघन है। हम इस वीडियो को देखकर बेहद दुखी हैं। अगर सरकार कार्रवाई नहीं करती है तो हम करेंगे।
चीफ जस्टिस ने कहा कि हम देखना चाहते हैं कि सरकार ने इस बारे में क्या कार्रवाई की है। ऐसे वीडियो और हिंसा पर सरकार क्या कार्रवाई कर रही है।। जो भी मीडिया और सोशल मीडिया में दिखाया जा रहा है वह इंसानी जिंदगी के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन है। किसी लोकतांत्रिक देश में महिलाओं के साथ ऐसे अपराध स्वीकार नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार इस बारे में हमें जानकारी दे।