39 views 9 secs 0 comments

मोदी सरनेम मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, वकील ने कहा, राहुल के खिलाफ कोई सबूत नहीं

In Blog
August 04, 2023

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म होने के मामले में सुनवाई हुई। इस मामले की सुनवाई के लिए सुप्रीम कोर्ट ने आधे घंटे का वक्त तय किया था, जिसमें दोनों पक्षों के वकीलों को अपनी बात कहने के लिए 15-15 मिनट मिले। राहुल गांधी की ओर से वकील ने पक्ष रखते हुए कहा कि, उन्होंने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया है, इस तरह के मामले में सिर्फ राहुल गांधी को ही ऐसी सजा मिली है।  

 

राहुल गांधी की तरफ से कोर्ट में अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी, उन्होंने कहा कि, राहुल गांधी ने अपने भाषण में जिन लोगों के नाम लिए उनमें से किसी ने मुकदमा दर्ज नहीं किया, लेकिन सिर्फ बीजेपी के नेता ही इस बारे में मुकदमा कर रहे हैं। वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता का असली सरनेम मोदी नहीं है, वह मोध सरनेम से मोदी बनें है। उन्होंने ये भी दलील दी कि गवाहों ने साफ कहा है कि, राहुल ने पूरे समुदाय का अपमान नहीं किया है।  

 

अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि, ये कोई अपहरण, रेप या हत्या का केस नहीं है, ऐसा काफी कम ही होता है जहां इस तरह के केस में 2 साल की सजा हुई हो। सुप्रीम कोर्ट ने इस दौरान अभिषेक मनु सिंघवी को टोका और कहा कि, आप यहां राजनीतिक बहस ना करें, इसे राज्यसभा के लिए बचा कर रखें। इस पर सिंघवी भी मुस्कुरा दिए। राहुल गांधी के वकील ने कहा कि याचिकाकर्ता के पास राहुल गांधी के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जो शिकायत दर्ज की गई है वह भी अखबार की कटिंग के आधार पर है जो व्हाट्सएप पर मिला था। 

 

वहीं पूर्णेश मोदी की ओर से महेश जेठमलानी ने दलीलें पेश की। उन्होंने कहा कि, राहुल के भाषण की कॉपी निर्वाचन आयोग के पास है, सीडी नंबर-2 में सबकुछ स्पष्ट है। महेश जेठमलानी ने कोर्ट में राहुल गांधी की स्पीच का हिस्सा भी पढ़ा, उनके पास पर्याप्त सबूत और गवाह है। 

 

पूर्णेश मोदी के वकील ने अपील की है कि राहुल की टिप्पणी पूरे मोदी समुदाय पर थी, इसलिए उनकी दोष सिद्धी पर रोक नहीं लगनी चाहिए। जिस व्यक्ति को आदर्श आचार संहिंता का पालन सुनिश्चित करने के लिए तैनात किया गया था, उसने ही राहुल की स्पीच को रिकॉर्ड किया है। राहुल ने अपने भाषण में मोदी समुदाय का अपमान किया।  

 

क्या है राहुल का मामला

 

आपको बता दें कि राहुल गांधी को इस मामले में 2 साल की सजा हो चुकी है, जिसके कारण उनकी संसद की सदस्यता रद्द हो गई। इतना ही नहीं वह सजा पूरी होने के 6 साल बाद तक चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। राहुल गांधी के खिलाफ बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी ने सूरत की एक अदालत में याचिका दायर की थी। 

 

दरअसल, साल 2019 के लोकसभा के चुनावों में राहुल गांधी ने कर्नाटक की एक रैली में विवादित बयान दिया था, जिसमें उन्होंने मोदी सरनेम पर टिप्पणी की थी। पूर्णेश मोदी ने इसी मामले में याचिका लगाई थी, राहुल ने माफी मांगने से इनकार किया था और कोर्ट ने उन्हें सजा दी थी। सूरत कोर्ट के फैसले के खिलाफ राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट में अपील की थी। लेकिन यहां भी उन्हें राहत नहीं मिली। जब गुजरात हाईकोर्ट ने फैसला बरकरार रखा तो राहुल गांधी की संसद की सदस्यता रद्द हो गई और फिर राहुल ने अपना सरकारी बंगला भी खाली कर दिया।