तेलंगाना में विधानसभा चुनाव का प्रचार आखिरी दौर में है। राजनीतिक दलों के बीच जमकर शब्द बाण छोड़े जा रहे हैं। हैदराबाद में पुलिस इंस्पेक्टर को खुली धमकी देने के मामले को लेकर असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने असदुद्दीन ओवैसी के भाई अकबरुद्दीन ओवैसी पर बड़ा हमला किया है। हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि, अगर यही चीज असम में हुआ होता तो पांच मिनट में मामला सेटल हो जाता। दरअसल अकबरुद्दीन ओवैसी ने एक चुनावी रैली के दौरान एक पुलिस इंसपेक्टर को खुलेआम धमकी दी थी।
इस मामले को लेकर अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने चुनाव आयोग से अकबरुद्दीन ओवैसी की उम्मीदवारी रद्द करने की मांग की है। साउथ ईस्ट जोन के डीसीपी रोहित राजू ने बताया कि, अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ आईपीसी की धारा 353 समेत कई दूसरी धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। मामला दर्ज होने के बाद अकबरुद्दीन ओवैसी ने डीसीपी और पुलिस पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। अकबरुद्दीन ने कहा कि डीसीपी और पुलिस झूठ बोल रहे हैं।
अकबरुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सबसे पहले, मेरे पास पुलिस इंसपेक्टर के मंच पर आने का वीडियो फुटेज है। अगर मैं रात 10 बजे के बाद भाषण दे रहा था तो पुलिस मेरे खिलाफ मामला दर्ज कर सकती है। लेकिन पब्लिक मीटिंग में बाधा डालना और यह कहना कि समय समाप्त हो गया है, यह गलत है। पुलिस को ऐसा नहीं करना चाहिए।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, AIMIM के उम्मीदवार और असदुद्दीन ओवैसी के छोटे भाई अकबरुद्दीन ओवैसी हैदराबाद में एक चुनावी सभा को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान एक पुलिस इंसपेक्टर ने आचार संहिता को ध्यान में रखते हुए उन्हें भाषण खत्म करने के लिए इशारा किया था जिसपर वो भड़क गए और इंस्पेक्टर को धमकी दे डाली। उन्होंने कहा कि अभी पांच मिनट और है, आप चलिए यहां से उतरिए। मुझे बोलने से कोई रोक नहीं सकता है। आप चले जाएं नहीं तो मेरे एक इशारे पर आपको यहां से दौड़ा दिया जाएगा।