बिहार में अभी मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसके लिए साफ संकेत दे दिए हैं। इसी के साथ ही ये भी अब क्लीयर होता जा रहा है कि इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। दरअसल, ये बात इसलिए कही जा रही है क्योंकि लगातार एक साल से मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। जब से नीतीश कुमार ने महागठबंधन के साथ हाथ मिलाकर बिहार में एनडीए से अलग होकर सरकार बनाई थी, तभी से इसकी चर्चा है। कांग्रेस की तरफ से कैबिनेट में दो सीट की डिमांड हो रही है।
नीतीश कुमार के नेतृत्व में बनी महागठबंधन सरकार बनने के बाद से ही मंत्रिमंडल के विस्तार की बात कही जा रही थी। कांग्रेस की तरफ से दो सीटों की डिमांड लंबे समय से जा रही है। लेकिन अब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह साफ कर दिया है कि मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होगा। इसी के साथ साफ हो गया कि कैबिनेट में अभी कांग्रेस की नई एंट्री नहीं होने वाली है।
ऐसा माना जा रहा है कि नीतीश कुमार कांग्रेस को मैसेज देने के लिए ये दांव चले हैं। उन्होंने पूरी प्लानिंग के तहत ये बात कही है कि, मंत्रिमंडल बहुत बड़ा है। वो इसके विस्तार की जरूरत महसूस नहीं कर रहे हैं। दरअसल, इंडिया गठबंधन बनने के बाद से ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संयोजक बनाने की बात चल रही थी। लेकिन विपक्षी दलों के गठबंधन की तीन बैठकें पटना, बेंगलुरु और मुंबई में हो चुकी है। इसके बावजूद उन्हें संयोजक नहीं बनाया गया है।
ऐसी चर्चा है कि इसी नाराजगी के कारण नीतीश कुमार ने अपना नजरिया स्पष्ट कर दिया है। पहली बैठक जब राजधानी पटना में आयोजित की गई थी उस वक्त नीतीश कुमार ने राहुल गांधी से यह बात कही थी कि, वह मंत्रिमंडल विस्तार करेंगे। जिसमें कांग्रेस दो मंत्रियों को शामिल करेंगे। लेकिन उन्हें संयोजक नहीं बनाया गया जिसका नतीजा है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सीधे तौर पर मंत्रिमंडल विस्तार पर पूर्ण विराम लगा दिया है।