पीएम मोदी ने किया कल्कि धाम का शिलान्यास, कौन है कल्कि अवतार

PM Modi laid the foundation stone of Kalki Dham, who is Kalki Avatar?

कल्कि धाम, संभल की नीव का पत्थर सोमवार 19 फरवरी को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने कर दिया है। इस मौके पर उनके साथ पूर्व भारतीय स्टार क्रिकेटर सुरेश रैना और वर्तमान दिग्गज मोहम्मद शमी एवम कविराज कुमार विश्वास भी शामिल रहे। 

दरअसल आज प्रधानमंत्री मोदी उत्तर प्रदेश के एक दिवसीय दौरे पर हैं, जिसकी शुरुआत उन्होंने सुबह 10:30 पर संभल में कल्कि धाम की आधारशिला रख कर की। इसके बाद पीएम लखनऊ के लिए रवाना हुए जहा जाकर उन्होंने  यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट 2023 के चौथे ग्राउंड-ब्रेकिंग समारोह में शिरकत की। जहां उन्होंने 10 लाख करोड़ रुपये की 14,000 परियोजनाएं शुरू कीं।

संभल में प्रधानमंत्री जी ने लोगों को अभिभाषण भी दिया जिसमे उन्होंने कहा की हमारे सभी आराध्य अब अपने अपने घर वापिस आ रहे है जो एक नए युग का शुभारंभ है। इसके बाद पीएम ने आगे कहा आज यूपी की धरती से भक्ति, भाव और अध्यात्म की एक और धारा प्रवाहित होने को लालायित है। आज पूज्य संतों की साधना और जनमानस की भावना से एक और पवित्र धाम की नींव रखी जा रही है, मुझे विश्वास है कि कल्कि धाम भारतीय आस्था के एक और विराट केंद्र के रूप में उभरकर सामने आएगा। कई ऐसे अच्छे काम हैं, जो कुछ लोग मेरे लिए ही छोड़ कर चले गए हैं, आगे भी जितने अच्छे काम रह गए हैं, उनको भी संतों और जनता-जनार्दन के आशीर्वाद से हम पूरा करेंगे।

इस मौके पर कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने मीडिया से मुखातिब होकर कहा यूपी के संभल में कल्कि धाम मंदिर का शिलान्यास पीएम मोदी ने कर दिया है, यह संपूर्ण सनातन के लिए गौरव और आनंद का दिन है। पूर्व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम का कहना है, “मैं पीएम मोदी को धन्यवाद देता हूं और यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि अगर नरेंद्र मोदी पीएम नहीं होते तो न तो अयोध्या का मंदिर बनता और न ही आज कल्कि धाम की आधारशिला रखी जाती।” 

कौन है कल्कि अवतार और क्या है इसका महत्व?

कल्कि अवतार भगवान विष्णु के दसवें अवतार होंगे जो कलयुग में जब पाप अपने चरम पर होगा तो जन्म लेंगे, जिसके गुरु होंगे भगवान परशुराम।

श्रीमद्भागवत गीता के अनुसार  भगवान विष्णु सावन माह की शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को जब गुरु, सूर्य और चंद्रमा एक साथ पुष्य नक्षत्र में प्रवेश करेंगे, तब भगवान कल्कि का विष्णुयशा नामक ब्राह्मण परिवार के घर में जन्म होगा। वह सफेद घोड़े पर सवार होंगे और 64 कलाओं से युक्त होंगे। उनके जन्म के लिए  श्रीमद्भागवत के 12वें स्कंद में लिखा है-

शम्भल ग्राम मुख्यस्य ब्राह्मणस्य महात्मनः।

भवने विष्णुयशसः कल्किः प्रादुर्भविष्यति॥

इसका मतलब है की संभल गांव में विष्णुयश ब्राह्मण के यह कल्कि अवतार जन्म लेंगे।  लगभग 500 वर्ष पूर्व संभल में कल्कि अवतार का मंदिर हुआ करता है पर मुगल काल की नीव रखने वाले बाबर ने इसको टुटवा दिया था और यहा पर शाही जामा मस्जिद का निर्माण किया था। 

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