राजस्थान में बीजेपी की शानदार जीत के बाद अब सबकी निगाहें मुख्यमंत्री पद पर है। सीएम की रेस में वसुंधरा राजे सिंधिया के अलावा महंत बालकनाथ, सीपी जोशी, गजेंद्र सिंह शेखावत और अश्विनी वैष्णव के नामों पर भी चर्चा हो रही है। ऐसे में सत्ता की कमान अपने हाथों में लेने के लिए वसुंधरा प्रेशर पॉलिटिक्स कर रही है। राजे अपने कई समर्थक विधायकों से मुलाकात की है और माना जा रहा है कि ये बीजेपी आलाकमान को संदेश देने की कोशिश है।
राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया ने बीजेपी के करीब 25 नवनिर्वाचित विधायकों से अपने सिविल लाइंस स्थित आवास पर मिली। पार्टी को राज्य में बहुमत मिलने के बाद बीजेपी आलाकमान इस समय नए मुख्यमंत्री चुनने की कवायद कर रहा है। ऐसे समय में विधायकों की राजे से इस मुलाकात को शक्ति प्रदर्शन के रूप में देखा जा रहा है। राज्य के विभिन्न जिलों से करीब 25 विधायकों ने राजे से मुलाकात की। इन लोगों ने इस मुलाकात को शिष्टाचार मुलाकात बताया जबकि कुछ ने यह भी संकेत दिया कि राजो को नेतृत्व करना चाहिए।
राजस्थान के नसीराबाद से बीजेपी विधायक रामस्वरूप लांबा ने वसुंधरा राजे से मुलाकात के बाद कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वसुंधरा राजे के काम के कारण ही राजस्थान में बीजेपी की वापसी हुई है। जब उनसे पूछा गया कि, क्या पार्टी विधायक मुख्यमंत्री पद के लिए राजे का समर्थन करते हैं, तो उन्होंने कहा कि राजे को सभी विधायकों का समर्थन प्राप्त है। सोमवार को विधायकों से मुलाकात के बाद राजे समर्थकों ने दावा किया कि, राजे से करीब 47 विधायकों ने मुलाकात की है। आज भी कई विधायक वसुंधरा से मुलाकात कर सकते हैं।
जयपुर में वसुंधरा राजे से जिन विधायकों ने मुलाकात की थी उनमें कालीचरण सराफ, बाबू सिंह राठौड़, प्रेम चंद बैरवा, गोविंद रानीपुरिया, कालूलाल मीणा, केके विश्नोई, प्रताप सिंह सिंघवी, गोपीचंद मीणा, बहादुर सिंह कोली, शंकर सिंह रावत, मंजू बाघमार, विजय सिंह चौधरी, पुष्पेंद्र सिंह और शत्रुघ्न गौतम हैं।
राज्य में मुख्यमंत्री के नाम को लेकर जिन नामों को लेकर चर्चा हो रही हैं उनमें झालरापाटन सीट से विधानसभा चुनाव जीतने वाली वसुंधरा राजे सिंधिया, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन मेघवाल, बाबा बालकनाथ और दीया कुमारी शामिल हैं। हालांकि यह सिर्फ अटकलें हैं पार्टी ने इस बारे में कोई संकेत नहीं दिया है। दूसरी तरफ आपको बता दें कि, केंद्रीय मंत्री शेखावत और मेघवाल ने विधानसभा चुनाव नहीं लड़ा। राज्य की कुल 200 सीटों में से 199 विधानसभा सीटों पर मतदान हुआ है और मतों की गिनती रविवार को संपन्न हुई। इसमें बीजेपी को 115 सीटों के साथ बहुमत मिला जबकि कांग्रेस 69 सीटों पर सिमट गई।
बीजेपी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजे 2003 से 2008 और 2013 से 2018 तक दो बार राजस्थान की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं। 2018 में बीजेपी की हार और पार्टी के भीतर बदले हालात के बाद ऐसा माना जाने लगा कि राजे को किनारे किया गया है। पहले के चुनावों में वह मुख्यमंत्री का चेहरा थीं लेकिन इस विधानसभा चुनाव में पार्टी ने ‘मुख्यमंत्री पद के चेहरे’ की घोषणा नहीं की और पार्टी के चुनाव चिन्ह ‘कमल’ को आगे कर चुनाव लड़ा। अब 115 सीटों पर जीत के साथ बीजेपी स्पष्ट बहुमत प्राप्त कर चुकी है और राजे के समर्थक उम्मीद कर रहे हैं कि पार्टी उन्हें तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने का मौका देगी।