नई संसद भवन में अपने पहले ही भाषण में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ा ऐलान कर दिया है। उन्होंने कहा कि नए सदन के प्रथम सत्र के प्रथम भाषण में मैं बड़े ही विश्वास और गर्व से कह रहा हूं कि आज का यह दिवस इतिहास में नाम दर्ज करने वाला है। हम सबके लिए यह गर्व का पल है। अनेक वर्षों से महिला आरक्षण के संबंध में बहुत चर्चाएं हुई है। बहुत सारे वाद विवाद हुए हैं। महिला आरक्षण को लेकर संसद में पहले भी प्रयास हुए हैं। 1996 में पहली बार बिल पेश हुआ था। अटल जी के कार्यकाल में कई बार महिला आरक्षण बिल पेश किया गया, लेकिन उसे पास कराने के लिए आंकड़े नहीं जुटा पाए, इस कारण वो सपना अधूरा रह गया। पीएम मोदीने कहा कि, वो काम…शायद ईश्वर ने ऐसे कई पवित्र काम के लिए मुझे चुना है। एक बार फिर हमारी सरकार ने कदम बढ़ाया है। कल ही कैबिनेट में महिला आरक्षण वाले बिल को मंजूरी दी गई है। इस दौरान सदन में मौजूद महिला सांसद काफी उत्साहित दिखीं।
पीएम मोदी ने कहा कि, 19 सितंबर की ये तारीख इसलिए इतिहास में अमरत्व को प्राप्त करने जा रही है। आज जब महिलाएं हर सेक्टर में तेजी से आगे बढ़ रही है। नेतृत्व कर रही है तो बहुत आवश्यक है कि नीति निर्धारण में हमारी माताएं-बहनें, हमारी नारी शक्ति अधिकतम योगदान दें। योगदान ही नहीं, वे महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं। आज इस ऐतिहासिक मौके पर नए संसद भवन में सदन की पहली कार्यवाही के अवसर पर देश ने नए बदलाव का आह्वान किया है और देश की नारी शक्ति के लिए सभी सांसद मिलकर नए प्रवेश द्वार खोल दें, इसका आरंभ हम इस महत्वपूर्ण निर्णय से करने जा रहे हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि मैं माताओं-बहनों को आश्वस्त करता हूं कि, हम इस बिल को कानून बनाने के लिए संकल्पबद्ध हैं। मैं सदन में सभी साथियों से आग्रहपूर्वक निवेदन करता हूं कि, सर्वसम्मति से जब यह बिल कानून बनेगा तो इसकी ताकत अनेक गुना बढ़ जाएगी। इसलिए मैं दोनों सदनों के माननीय सांसदों से इसे सर्वसम्मति से पारित करने की प्रार्थना करता हूं। आखिर में महिला आरक्षण बिल लोकसभा में पेश हो गया।