संसद का मानसून सत्र चल रहा है लेकिन मणिपुर मामले को लेकर विपक्ष के रुख में किसी तरह की नरमी के कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दलों ने सोमवार को संसद के भीतर और बाहर दोनों ही जगहों पर हमलावर नजर आया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित तमाम विपक्षी नेताओं ने संसद के दोनों सदनों में मणिपुर पर चर्चा को लेकर नोटिस दिया। I.N.D.I.A के तहत तमाम विपक्षी नेताओं ने संसद में गांधी की प्रतिमा के सामने विरोध प्रदर्शन किया।
विपक्ष लगातार सरकार को घेर रहा है। उसकी मांग है कि जबतक मणिपुर हिंसा पर संसद के भीतर चर्चा नहीं होती और खुद पीएम मोदी सदन में आकर इस मुद्दे पर जवाब नहीं देते, तबतक सदन में कोई कामकाज नहीं होना चाहिए। कई बार विपक्ष के हंगामे और नारेबाजी के बाद स्पीकर ने सदन की कार्रवाही को स्थगित किया और आज भी हंगामे होने के पूरे आसार हैं।
संसद में मणिपुर को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष की तनातनी कम नहीं होने वाली है। सरकार के सूत्रों ने बताया कि विपक्ष अपनी मांग से पीछे हटती नहीं दिख रही है ऐसे में सरकार अब सदन में विधायी काम को तेजी से निपटाने की तैयारियों में जुट गई है। सूत्रों की मानें तो संसद में अगर शोरगुल होता है तब भी बिल पास कराए जाएंगे। राज्यसभा से संजय सिंह को सस्पेंड करने के बाद विपक्षी दल पीएम मोदी के बयान की मांग पर अड़े हुए हैं। बीती रात भी विपक्ष के कई नेताओं ने संसद भवन परिसर में ही धरना दिया था।
संसद में विपक्षी सदस्यों के नारेबाजी के बीच ही सदन में साइंस एंड टेक्नॉलजी मंत्री जितेंद्र सिंह ने डीएनए प्रोद्योगिकी विनियमन विधेयक 2019 वापस लेने का प्रस्ताव किया और सदन ने इसे ध्वनिमत से स्वीकार कर लिया। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मांडविया ने राष्ट्रीय परिचर्या और प्रसूति विद्या आयोग विधेयक 2023 और राष्ट्रीय दंत चिकित्सक आयोग विधेयक 2023 पेश किए। द कंस्टिट्यूशन ऑर्डर अमेंडमेंट बिल भी पेश किया गया।