भारत में चुनाव माहोल इस समय अपने चरम पर है आगामी लोकसभा चुनाव में सत्ता हासिल करने के लिए कोई भी उमीदवार हो या राजनितिक दल सभी में अपने वोटर्स को आकर्षित करने की होड़ मची हुई है। कांग्रेस हो या बीजेपी दोनों ही पार्टी इस समय अपनी बयानबाजी के साथ साथ एक दूसरे बार आरोप और प्रत्यारोप भी लगातार कर रही है।
आरोप का यह सिलसिला कांग्रेस के घोषणा पत्र जारी करने के बाद शुरू हुआ जिसमे बीजेपी ने कांग्रेस पर देश को बर्बाद करने के आरोप लगाए। वही कांग्रेस ने बीजेपी पर आरोप लगते हुए कहा की बीजेपी और उसके नेता देश को धर्म के आधार पर बाट रहे है। इसी कतार में सबसे अहम आरोप जो इंडिया गठबंधन ने अब बीजेपी पर लगाया है वो है लोकतंत्र को ख़तम करने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए कोंग्रेस ने चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज की है।
कोंग्रेस ने चुनाव आयोग में लगभग 17 शिकायत दर्ज की है जिसमे से 5 मुख्य शिकायत है:
- देश के प्रधानमंत्री ने राजस्थान में जिस तरह एक समुदाय के लिए भद्दा वक्तव्य दिया, वह चुनाव आयोग का उल्लंघन है। चुनाव आयोग को इसपर सख्त कार्यवाही करनी चाहिए। इस बयान से देश के संविधान, प्रधानमंत्री पद, चुनाव आयोग की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा हो गया है।
- BJP सरकार ने गुजरात समेत कई जगहों पर सत्तारूढ़ पार्टी की तस्वीरें लगाई हैं, जो सिर्फ धर्म की बात करती है।
- सूरत में चुनाव के एक दिन पहले कांग्रेस के एक साथ 4 प्रस्तावक बोलते हैं कि वह हस्ताक्षर हमारे नहीं हैं, उसके बाद वह लापता हो जाते हैं। सबसे बड़ी बात- जितने भी BJP के विपक्ष के नेता हैं, सब नामांकन वापस ले लेते हैं। ऐसे में सूरत के चुनाव को स्थगित करना चाहिए।
- न्यूज18 चैनल के अमिश देवगन का एक प्रोग्राम भद्दा होने के साथ ही आपसी वैमनस्य, गैरकानूनी और धर्म-पंथ निरपेक्षता के विरुद्ध है, जिसपर प्रतिबंध लगाना आवश्यक है।
- माननीय राहुल गांधी जी कर्नाटक के उस क्षेत्र में कैंपेन करेंगे, जिसमें चुनाव नहीं हुआ है। ऐसे में हमने आयोग से अनुमति मांगी है।