लोकसभा चुनाव 2024: हार में भी जीत ढूंढ रही कांग्रेस

In राजनीति
June 06, 2024
Lok Sabha Elections 2024: Congress looking for victory even in defeat

लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे सबके सामने है। लगातार 2 बार से पूर्ण बहुमत के साथ सरकार चला रही भारतीय जनता पार्टी इस बार 272+ का जादुई आकड़ा चुने से रह गई, लेकिन इसके बावजूद भी वह तीसरी बार देश की सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी जो की एक प्रजातांत्रिक राष्ट्र में बोहोत ही कम देखने को मिलता है। वही दूसरी तरफ भारत की सबसे पुरानी राजनीतिक पार्टी, कांग्रेस 99 सीट जीतकर खुद को एक सुरक्षित स्थान पर महसूस कर रही है। इस आकड़े को कांग्रेस और उसके सहयोगी दल मनोबल की जीत मन रहे है। पर क्या सच में ये चुनाव कोंग्रेस के लिए संजीवनी साबित होगा, क्या उसकी आगे की रह आसान होगी?

कांग्रेस की राह 

  • देश की सबसे पुरानी पार्टी लगातार तीसरे आम चुनाव में भी 100 का आंकड़ा पार नहीं कर पाई जो उसके लिए एक सोचने योग्य बात है,
  • 3 लोकसभा चुनाव लगे कांग्रेस को सही रूप से विपक्ष में बैठने के लिए और वो भी एक अच्छे खासे गठबन्धा के साथ, 
  • 63 सीट कम हुई है बीजेपी की लेकिन २०१४ में जब वो पहली बार सत्ता में आयी थी उसकी तुलना में बीजेपी का  मत प्रतिशत 6% बढ़ा है,
  • केरल जैसे राज्य में सीट जीतना बीजेपी के मनोबल के लिए बोहोत बड़ी बात है,
  • उत्तराखंड, हिमाचल, मध्य प्रदेश जहा कांग्रेस को किसी भी सहयोगी दल का समर्थन प्राप्त नहीं था सूपड़ा साफ हुआ है, दिल्ली में भी कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ रही थी लेकिन वह से भी उसके हाथ केवल शून्य लगा लो एक विचारनिय बात।

गुजरात चुनाव एक उद्धरण 

एक उदाहरण पेश करूंगा: 2018 के गुजरात विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 80 सीट हासिल के जो बहुमत के आंकड़े से केवल 12 कम थी और बीजेपी ने बड़ी मुश्किलों से आंकड़ा पार किया था। सबको लगा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने मिलकर बीजेपी का किला सेंध दिया है। और इस जीत के बाद कांग्रेस का मनोबल और लोकसभा चुनाव में प्रदर्शन दोनों अच्छे होंगे, नतीजा आपके सामने है। 

ओडिशा और आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव 2024

लोकसभा नतीजों की आड़ में अरुणाचल प्रदेश, ओडिशा और आंध्र प्रदेश के विधानसभा चुनाव के नतीजों कही छुप से गए है, इन सभी राज्य में बीजेपी ने अपनी स्तिथि सुधारकर राज्यसभा में स्थिति बोहोत मजबूत कर दी है, इन सब बातों का भी विपक्ष को विशेष ध्यान रखना होगा।

इस चुनाव से कांग्रेस को हुए फायदे 

  • राहुल गाँधी ने खुद को एक नेता के रूप में स्थापित कर लिया है, उनकी पद यात्रा ने देश पर एक प्रभाव तो डाला है,
  • कांग्रेस का घोषणा पत्र भी उसके लिए बोहोत ही लाभदायक साबित हुआ है, 
  • उत्तर प्रदेश में जहा वो ज़मीन तलाश रही थी वह उसे दोबारा खड़ा होने का मौका मिला है,
  • महाराष्ट्र में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरना,
  • पार्टी की सोशल मीडिया टीम और आईटी सेल ने बोहोत ही अच्छा योगदान दिया, 
  • बोहोत लम्बे अंतराल बाद उसने बीजेपी को सोचने पर मजबूर किया है,
  • सही मायने में 55 का आकड़ा पर करके कांग्रेस अब एक मजबूत विपक्ष का रोले अदा करेगी।

कांग्रेस हाई कमान को इस बात का विश्लेषण करना होगा की जब 2026 में परिसीमन होगा और विधान सभा चुनाव में जब उसके साथ सहयोगी दलों की कमी होगी तो उसके बाद राह की कितनी कठिन होगी।

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