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पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला

In Politics
September 01, 2023

सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व सांसद और आरजेडी नेता प्रभुनाथ सिंह को हत्या के एक मामले में दोषी करार दिया था। अब अदालत ने इसी मामले में फैसला देते हुए प्रभुनाथ सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। इससे पहले निचली अदालत ने इसी मामले में प्रभुनाथ सिंह को बरी कर दिया था। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद डबल मर्डर केस में प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार दिया। 

शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में प्रभुनाथ सिंह को दोषी माना और उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है। प्रभुनाथ सिंह के मामले में तीन जजों की बेंच ने मशरक में राजेंद्र राय और दारोगा राय हत्याकांड मामले में ये फैसला दिया है। उम्रकैद की सजा के अलावा अदालत ने पीड़ित परिवारों को 10-10 लाख रुपए देने का भी फैसला दिया है। ये मुआवजा प्रभुनाथ सिंह के साथ राज्य सरकार को भी देना है। 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, वह एक ऐसे मामले से निपट रहा है जो हमारी आपराधिक न्याय प्रणाली का बेहद दर्दनाक प्रकरण है। सर्वोच्च न्यायालय देश की सर्वोच्य अपीलीय अदालत है और उसका किसी आरोपी को दोषी ठहराना दुर्लभ मामला है। आमतौर पर उच्चतम न्यायालय किसी मामले में अपील पर व्यक्ति की सजा को बरकरार रखता है या उसे रद्द कर देता है। दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के महाराजगंज से कई बार सांसद रह चुके प्रभुनाथ सिंह को दोषी करार देते हुए कहा कि, इसमें जरा भी संदेह नहीं है कि, प्रभुनाथ सिंह ने अपने खिलाफ सबूतों को मिटाने का हर संभव प्रयास करने की कोशिश की।

क्या है ये मामला

ये मामला सारण जिले के छपरा का है। मार्च 1995 में विधानसभा चुनाव के दौरान मतदान के दिन दो लोगों की हत्या कर दी गई थी। सर्वोच्य न्यायालय ने कहा कि, आपराधिक मुकदमे में तीन मुख्य हितधारक, जांच अधिकारी, लोक अभियोजक और न्यायपालिका होते हैं तथा वे अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में पूरी तरह से विफल रहे। न्यायमूर्ति संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पीठ ने प्रभुनाथ सिंह को दारोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या और एक महिला की हत्या के आरोप में दोषी ठहराया है। 

इस पीठ में न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति विक्रम नाथ भी शामिल थे। पीठ ने कहा कि 25 मार्च, 1995 को राजेंद्र राय के बयान के अधार पर छपरा में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी। पीठ ने आरोपी प्रतिवादी संख्या दो (प्रभुनाथ सिंह) को दरोगा राय और राजेंद्र राय की हत्या और एक महिला की हत्या के प्रयास के लिए भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और 307 के तहत दोषी ठहराया। प्रभुनाथ सिंह जनता दल विधायक अशोक सिंह की उनके आवास पर 1995 में हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद 1995 में हत्या के मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद अभी हजारीबाग जेल में बंद हैं।