यूरोपीय देश स्वीडन में एक बार फिर से कुरान को जलाया गया है। इस बार संसद भवन के सामने कुरान को जलाने की घटना को अंजाम दिया गया है। इससे पहले इराक से लेकर इंडोनेशिया तक ने स्वीडन और डेनमार्क में कुरान को जलाने की घटना का कड़ा विरोध किया था।
सऊदी अरब से लेकर पाकिस्तान तक के भारी विरोध के बाद भी स्वीडन में कुरान को जलाने की घटना पर रोक नहीं लग रही है। इस बार इराकी मूल के एक व्यक्ति सलवान मोमिका ने राजधानी स्टॉकहोम में संसद के सामने कुरान की प्रति को जला दिया। इससे पहले भी स्वीडन में कुरान को जलाने की कई बार घटनाएं हो चुकी है। इसके विरोध में इराक, पाकिस्तान, इंडोनेशिया समेत दुनिया के कई मुस्लिम मूल्क में हिंसक प्रदर्शन हो चुके हैं। कई देशों ने तो स्वीडन को चेतावनी भी दी है।
खबरों की मानें तो कुरान जलाने में मोमिका को एक दूसरे व्यक्ति सलवान नाजेम ने भी मदद की। सलवान इराकी मूल का है। मोमिका और सलवान दोनों ही स्टॉकहोम में संसद के सामने पहुंचकर कुरान को जला दिया। मोमिका ने इस दौरान इस्लाम विरोधी नारे भी लगाए। हलांकि इस दौरान उन्हें स्वीडन के कई लोगों के विरोध का सामना भी करना पड़ा जो इस भड़काऊ गतिविधि को रोकने के लिए कह रहे थे। पुलिस ने इन लोगों में से एक को अरेस्ट कर लिया है।
28 जून को भी मोमिका ने ईद उल अजहा के पहले दिन पुलिस संरक्षण में स्टॉकहोम की एक मस्जिद के सामने कुरान को जलाया था। हाल के दिनों को अगर देखा जाए तो स्वीडन और डेनमार्क में कुरान के अपमान की कई घटनाएं हो चुकी है और इसे लेकर मुस्लिम देशों ने बहुत कड़ी प्रतिक्रिया जताई है। इस्लामिक देशों के संगठन ओआईसी ने दोनों ही देशों की कड़ी निंदा की है। स्वीडन के खिलाफ तो इराक में ज्यादा हिंसक प्रदर्शन भी हुआ था। स्वीडन और डेनमार्क में अभिव्यक्ति की आजादी है और इस कारण से सरकार चाहकर भी उसे रोक नहीं पा रही है।
स्वीडन और डेनमार्क दोनों ही देश कुरान जलाने के बाद से हो रहे हिंसक प्रदर्शन से सहमे हुए हैं। उन्हें आतंकी हमले का डर सता रहा है। दुनिया के सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया ने तो यूरोपीय देशों के राजदूतों को तलब किया है और कुरान जलाने पर आपराधिक कार्रवाई की मांग की है। मुस्लिम देशों की इस कड़ी प्रतिक्रिया के बाद भी कुरान को कलाने की घटनाएं रुकने का नाम नहीं ले रही है।