मोदी सरनेम मामले में देश की सबसे बड़ी अदालत सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया है। राहुल गांधी ने गुजरात हाईकोर्ट के आदेश को शीर्ष अदालत में चुनौती दी है। मंगलवार को राहुल गांधी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट में मेंशन किया गया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट इस पर सुनवाई करने के लिए तैयार हो गया। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस याचिका पर सुनवाई 21 जुलाई को होगी। याचिका में राहुल गांधी मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक लगाने की मांग की है।
याचिका में मोदी सरनेम मामले में सजा पर रोक लगाने की मांग की गई है। इसके लिए दाखिल याचिका में कई कारण बताए गए हैं। राहुल गांधी की तरफ से याचिका में कहा गया है कि मोदी सरनेम मामले में उन पर आपराधिक मानहानि का केस चलाया गया। जबकि यह केस सिर्फ परिभाषित ग्रुप के केस में हो सकता था। मोदी नाम अपरिभाषित समूह के लिए है। देश के अलग- अलग हिस्से में 13 करोड़ लोग हैं जो अलग-अलग समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। मामले में जो शिकायती है उनके खिलाफ कोई टिप्पणी नहीं की गई थी।
राहुल गांधी की कथित टिप्पणी में मोदी सरनेम के सिलसिले में नीरव मोदी और ललित मोदी के नाम का जिक्र था। इस मामले में शिकायती का कोई जिक्र नहीं था। ऐसे में किसी ऐसे व्यक्ति विशेष की मानहानि के लिए दोषी करार नहीं दिया जा सकता है।
याचिका में राहुल गांधी की तरफ से कहा गया कि उच्च न्यायालय ने मामले में अधिकतम सजा दी है। राहुल गांधी की तरफ से कहा गया कि ये भाषण राजनीतिक भाषण था। इसमें वह आर्थिक अपराधियों के खिलाफ टिप्पणी कर रहे थे। इस तरह की सजा से राजनीतिक बयानबाजी के लिए गंभीर खतरा पैदा होगा। इस मामले में दो साल की अधिकतम सजा दी गई। इससे राहुल गांधी अयोग्य ठहराए गए हैं। याचिका में यह भी कहा गया है कि वह अपने क्षेत्र से 4.3 लाख वोट से जीत कर आए हैं। ऐसे में अगर उनकी सजा पर रोक नहीं लगी तो भविष्य के चुनाव में एक प्रमुख विपक्षी नेता की आवाज दब जाएगी।