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इसरो चीफ डॉ एम सोमनाथ कौन हैं, जिनके नेतृत्वमें चंद्रयान-3 हुआ सफल

In Saga Corner
August 25, 2023

भारत की स्पेस एजेंसी इसरो ने चंद्रमा के साउथ पोल पर अपना चंद्रयान-3 उतारकर एक ऐतिहासिक काम किया है। दुनिया के बड़े से बड़े देश ये कारनामा नहीं कर सके लेकिन भारत ने कर दिखाया। अभी हाल ही में रूस ने भारत के चंद्रयान से पहले अपना स्पेस मिशन लूना-25 उतारने की कोशिश की थी, लेकिन वो चांद की सतह पर उतरने से पहले ही क्रैश हो गया। बता दें कि चांद के दक्षिणी हिस्से में अभी तक भारत के अलावा कोई देश नहीं पहुंच सका है। इस सफलता का श्रेय हमारे देश की स्पेस एंजेसी इसरो को जाता है। साथ ही उनका भी जो इसरो का नेतृत्व कर रहे हैं। इसरो के इस हीरो ने इस (चंद्रयान-3) मिशन में अहम रोल निभाया है। इनका नाम डॉ एस सोमनाथ है, एस सोमनाथ इसरो के चेयरमैन, सचिव है।

इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस से की पढ़ाई

साल 1963 में जन्मे इसरो के चीफ डॉ. एस सोमनाथ केरल के अलपुझा में पले हैं। सोमनाथ का पूरा नाम श्रीधर परिकर सोमनाथ है। सोमनाथ ने अपनी इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई अलपुझा जिले से ही कि है। इसके बाद उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई केरल के ही कोल्लम के टीकेएम कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से की। यहां से इंजीनियरिंग के बाद एस सोमनाथ ने इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ साइंस बैंगलुरु से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन किया। आप एस सोमनाथ की पढ़ाई का अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि एयरोस्पेस इंजीनियरिंग (मास्टर डिग्री) में उन्होंने गोल मेडल हासिल किया।

जीएसएलवी मार्क-III, का किया था नेतृत्व 

डॉ एम सोमनाथ कई विषयों के अच्छे जानकार हैं। उन्होंने लांच व्हीकल सिस्टम इंजीनियरिंग, स्ट्रक्चरल डिजाइन, स्ट्रक्चरल डायनेमिक्स, मैकेनिज्म डिजाइन और पायरोटेक्निक बनाने में एक्सपर्ट हैं। इनके ही नेतृत्व में देश का सबसे शक्तिशाली स्पेस लॉन्च व्हीकल जीएसएलवी मार्क-III बनाया गया। बता दें कि इसी लॉन्च व्हीकल से सैटेलाइट लॉन्च की जाती है। एस सोमनाथ साल 2010 से 2014 तक जीएसएलवी मार्क-III प्रोजेक्ट के डायरेक्टर थे। एस सोमनाथ ने 3 जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल और 11 पीएसएलवी बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

इसके साथ ही साथ, डॉ एस सोमनाथ को उनकी उपलब्धियों के लिए एस्ट्रोनॉटिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया ने गोल मेडल भी दिया है। उन्हें साल 2014 में GSLV MARK-III के लिए परफॉरमेंस एक्लिलेंस आवॉर्ड दिया गया था।