19 views 1 sec 0 comments

वैगनर चीफ येवगेनी प्रिगोझिन की कैसे हुई मौत? मिसाइल से हुआ हमला या बम धमाका?

In World News
August 24, 2023

रूस में वैगनर समूह के बॉस येवगेनी प्रिगोझिन की मौत से बवाल मचा हुआ है। प्रिगोझिन की मौत एक विमान दुर्घटना में हुई है। ये दावा किया जा रहा है कि प्रिगोझिन की मौत के पीछे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का हाथ है। राष्ट्रपति पुतिन जून में हुए वैगनर विद्रोह के बाद से ही येवगेनी से नाराज थे। इसके बाद वैगनर चीफ लगातार दूसरे देश भी भागते रहे। हादसे के समय प्रिगोझिन अपने साथ सबसे खास साथियों के साथ मॉस्को से सेंट पीटर्सबर्ग जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते में उनके विमान में विस्फोट हो गया। रूस के आसमान में आग का गोला बन चुका प्रिगोझिन का विमान देखते ही देखते जमीन पर आ गिरा। इस दुर्घटना में चालक दल के तीन सदस्यों के साथ 10 लोगों की मौत हो गई, जिसमें वैगनर चीफ प्रिगोझिन भी शामिल हैं। 

 

येवगेनी प्रिगोझिन की मौत के बाद उनके विमान दुर्घटना के कारणों को लेकर बहस हो रही है। प्रिगोझिन की वैगनर से जुड़े टेलीग्राम चैनल ग्रे जोन ने पहले बिना सबूत दिए दावा किया कि इस विमान को रूसी सेना ने मार गिराया है। जबकि दूसरे सूत्रों का कहना है कि प्रिगोझिन के विमान में वाइन कैरेट में बम छिपाकर रखा गया था। उसे में हुए धमाके से विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। अभी तक दोनों दावों में से किसी की भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हो सकी है। इस बीच रूसी संघीय विमानन एजेंसी रोसावियात्सिया ने दुर्घटना के कारणों का आपराधिक जांच शुरू कर दी है। इसमें विमान में तकनीकी खराबी को लेकर भी जांच की जाएगी। 

 

वहीं ब्रिटिश मीडिया द सन ने सूत्रों के हवाले से कहा कि, मॉस्को से उड़ान भरने के पहले प्रिगोझिन के विमान में एक महंगी वाइन की खेप लादी गई थी। हो सकता है कि बम इसी वाइन के कैरेट में छिपाकर रखा गया हो। जमीन पर मौजूद स्थानीय लोगों ने दावा किया कि, उन्होंने प्रिगोझिन के विमान को आसमान से गिरते हुए देखने से पहले दो बड़े विस्फोट सुने थे। खबरें है कि दुर्घटनाग्रस्त होने से पहले विमान ने अफ्रीका से मॉस्को के लिए उड़ान भरी थी। मॉस्को में थोड़ी देर रूकने के बाद विमान सेंट पिटर्सबर्ग के लिए रवाना हुआ था। इसी दौरान उत्तरी रूस के व्हदाई में वैगनर चीफ प्रिगोझिन का प्लेन क्रैश हो गया। 

 

दावा किया जा रहा है कि, प्रिगोझिन को अपनी मौत को लेकर पहले से ही डर सता रहा था। वैगनर विद्रोह के बाद जब प्रिगोझिन को देश से निकाल दिया गया तो वह कुछ दिनों के लिए बेलारूस चले गए थे। इस दौरान वह राजधानी मिन्स्क में बिना खिड़कियों वाले होटल के कमरे में रुके थे। प्रिगोझिन को डर था कि होटल की खिड़की से कोई स्नाइपर उसे निशाना बना सकता है। वहीं रूस में किसी को भी प्रिगोझिन की मौत पर कोई खास आश्चर्य नहीं हुआ। रूस में चर्चा यह थी कि, प्रिगोझिन का अब क्या होगा, क्योंकि उसकी सेना को पहले ही यूक्रेन से हटा दिया गया था, जिसके बाद से प्रिगोझिन के अस्तित्व पर संकट आ गया था।