मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को अपना नामांकन दाखिल कर दिया है। पार्टी ने उन्हें बुधनी विधानसभा सीट से पांचवी बार बीजेपी से प्रत्याशी बनाए गए हैं। प्रदेश के मुखिया को देने वाली यह सीट कई मायने में खास है। साल 1972 के बाद से ये सीट अस्तित्व में दिखती है। पहली बार यहां से कांग्रेस के सालिगराम वकील विधायक बनें थे। 1985 तक चार चुनावों में यहां कांग्रेस का बोलबाला रहा। वर्ष 1990 के विधानसभा चुनावों में बीजेपी ने एक युवा को टिकट दिया था।
महज 31 साल की उम्र में शिवराज सिंह चौहान पहली बार मुख्यमंत्री बनें और यहां से बीजेपी का खाता खुला था। लेकिन इसके बाद शिवराज सिंह चौहान लोकसभा का चुनाव लड़ने विदिशा पहुंच गए। शिवराज सिंह चौहान 1996, 1998, 1999 और 2004 विदिशा से लोकसभा सांसद भी रहे। 1993 में फिर यह सीट कांग्रेस के खाते में आ गई। राजकुमार पटेल यहां से विधायक चुने गए। वर्तमान में पटेल कांग्रेस के टिकट पर भोजपुर से चुनाव लड़ रहे हैं।
इसके बाद साल 2003 में फिर बीजेप के राजेंद्र सिंह यहां से बीजेपी विधायक बनें। शिवराज सिंह चौहान बुधनी सीट से छठी बार मैदान में हैं। 1990 में पहली बार शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस प्रत्याशी हरी सिंह को 22,810 मतों से हराया था। लेकिन 2006 में हुए उपचुनाव में शिवराज ने कांग्रेस के राजकुमार पटेल को 36 हजार 525 मतों से हरा दिया था। 2008 के चुनाव में शिवराज सिंह चौहान ने कांग्रेस के महेश सिंह राजपूत को 41 हजार 526 मतों से पराजित किया। वर्ष 2013 के चुनाव में शिवराज कांग्रेस के महेंद्र सिंह को 84 हजार 805 मतों से हरा दिया था।
इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने बुधनी से शिवराज सिंह चौहान को मैदान में उतारा है, तो कांग्रेस ने टीवी कलाकार विक्रम मस्ताल को टिकट दिया है। विक्रम का यह पहला चुनाव है। विक्रम मस्ताल टीवी सीरियल में हनुमान की भूमिका अदा कर चुके हैं। वहीं समाजवादी पार्टी ने भी बुधनी से अपने उम्मीदवार को उतार दिया है। यहां से पार्टी ने मिर्ची बाबा ताल ठोकते नजर आएंगे। यहां का मुकाबला दिलचस्प होने वाला है।